इम्फाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा के बाद स्थिति चिंताजनक हैं. हालत को काबू में करने के लिए हजारों सैनिकों को तैनात कर दिया गया है. राज्य की मौजूदा हालातों के मद्देनज़र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी है. थरूर ने कहा कि यहां स्थिति काबू से बाहर हो रही है. उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां के वोटरों को उन्होंने सिर्फ ठगा है.
थरूर ने आरोप लगाया कि यहां के वोटर्स के साथ भाजपा ने विश्वासघात किया है. इसके अलावा कुछ नहीं किया. चुनाव के दरमियान मतदाताओं को लुभाने के लिए जो वादा किया गया था, क्या वो पूरा होता नज़र आ रहा है? बता दें कि, मणिपुर में हिंसा के बाद से अब तक लगभग 55 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा कई लोग जख्मी हैं. मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों से लगभग 13 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उनके लिए सारे प्रबंध किए गए है. सुरक्षा बलों की कई कंपनियां राज्य में पहले से ही तैनात थी. वहीं केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की 20 और कंपनियां भेजीं. धीरे-धीरे स्थिति कंट्रोल होती नज़र आ रही है.
मणिपुर के चुराचांदपुर से कर्फ्यू हटा लिया गया है. यहां 3 घंटे के लिए छूट दी गई है. यहीं 3 मई को यहां हिंसा भड़की थी, जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने चुराचांदपुर के तोरबंग में आदिवासी एकता मार्च निकाला था. इसके बाद ट्राइबल और नॉन ट्राइबल में हिंसा भड़क उठी है. हिंसा की लपटें इतनी तेज थी, जो आज तक सुलग रही है. हालांकि, बहुत हद तक स्थिति पर नियंत्रण पाया जा चुका है.
'CM हाउस के लिए मैंने मंगवाए थे महंगे फर्नीचर', CM केजरीवाल पर महाठग सुकेश का बड़ा आरोप
‘नारी सुरक्षा में बनाएंगे देश में प्रथम राज्य’, कमलनाथ ने की महिलाओं से अपील