जैसा की आप जानते हैं श्री राम ने रावण का वध किया था। लेकिन उसका वध करना आसान नही था। रावण के पास एक विशाल सेना थी जो तरह तरह के अस्त्रों से सुसज्जित थी। रामायण में बताया गया है कि सूर्य व्यूह के चलते लंका की सुरक्षा व्यवस्था बहुत ही बेहतर थी जिससे श्री रांम की सेना लंका में प्रवेश भी नही कर पा रही थी।
तब अगस्त्य मुनि ने राम को स्वयं आदित्य द्वारा रचा गया हृदय स्रोत सिखाया था। बताया गया है कि यदि श्री राम को इसकी जानकारी नही होती तो रावण का अंत असंभव होता।
रावण के पास कई तरह की सिद्धि प्राप्त थी जो उसने जप तप से पाई थी। रावण ने अमरत्व को भी पा लिया था जो कि उसकी नाभि में था। रावण की नाभि में अमृत कुंड था जो कि रावण के पत्नी मंदोदरी द्वारा दिया गया था। ये बात रावण के छोटे भाई विभीषण को पता थी उसी इस रहस्य के बारे में श्री राम को बताया था। तो इसी प्रकार रावण का अंत हुआ क्योंकि बुराई पर अच्छाई की जीत हमेशा होती है।
ये 4 श्राप जो रावण की मृत्यु का कारण बने