बिना लाइब्रेरी के शिक्षा का दायरा बढ़ना असंभव

बिना लाइब्रेरी के शिक्षा का दायरा बढ़ना असंभव
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वाराणसी: शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार के साधनों की आवश्यकता होती हैं. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में भारतीय भारतीय विशिष्ट पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र संघ का तीन दिवसीय 31वां सम्मेलन मंगलवार को आरम्भ हुआ. जिसमे शिक्षा से जुड़े कई गंभीर मसलो पर चर्चा की गई. मुख्यतः इसमें शिक्षा के विकास में सार्वजनिक पुस्तकालयों की भूमिका और योगदान पर चर्चा की गई.

स्वतंत्रता भवन में आयोजित इस समारोह के उद्घाटन के पश्चात बतौर मुख्य अतिथि कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी ने बताया कि बिना पुस्तकालयों के शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ाना असंभव सा प्रतीत होता हैं. सामुदायिक सूचना सेवा में भी पुस्तकालयों ने अहम भूमिका अदा की हैं. संघ के अध्यक्ष डॉ. जेएन सतपथी ने भी भारत में सार्वजनिक पुस्तकालयों के विकास पर चर्चा की.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रो. पीयूष कांति प्राणिग्रही ने इस समारोह में भरोसा जताया कि इस सम्मेलन से सार्वजनिक पुस्तकालयों के विकास का रोड मैप तैयार होगा. प्रो. आरडी प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय मिशन के तहत सामुदायिक सूचना सेवा के विकास का प्रयास किया जा रहा है. कला संकाय प्रमुख प्रो. कुमार पंकज ने पुस्तकालयों में तकनीक का प्रयोग एक सीमा तक करने की सलाह दी. समारोह में एसबी पटेल, प्रो. एचएनएन प्रसाद, प्रो. एसपी सूद समेत कई अतिथि मौजूद थे.

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