इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार की समस्या और बढ़ने वाली हैं क्योंकि पाक पीएम इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद पहुंचे आजादी मार्च के प्रदर्शनकारी कम से कम दस से पंद्रह दिन तक राजधानी में डटे रहने के मूड में दिख रहे हैं. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ के इस रुख का खुलासा किया.
मीर ने बताया कि, "मैंने आजादी मार्च में शामिल लोगों से चर्चा की है. यह लोग दो या तीन दिन के लिए यहां नहीं आए हैं. वे कम से कम दस से पंद्रह दिन तक यहीं रुकने वाले हैं. मीर ने कहा कि उन्होंने मौलाना फजल से चर्चा की तो उन्होंने पूछा कि भला वह इतने सारे लोगों को वापस उनके घरों को कैसे पहुंचा सकते हैं. मौलाना फजल ने कहा कि अगले चौबीस घंटों में प्रदर्शनकारी अभी जहां भी हैं, वहां से आगे जाएंगे.
मीर ने बताया कि, "मैंने (जमीयत उलेमाए इस्लाम-एफ नेता) गफूर हैदरी से वार्ता की और उनसे कहा कि आपने सरकार से (प्रदर्शन स्थल आदि को लेकर) सहमति ली हुई है. इस पर गफूर ने बताया कि सरकार ने उनके लोगों को गिरफ्तार करके खुद ही इस करार को तोड़ दिया है." वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी कहा कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज करने की इजाजत देने के लिए वह मंच पर चढ़कर गए और मौलाना फजल से कहा कि उन्हें बहुत शिकायतें प्राप्त हुईं हैं कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज से रोका जा रहा है.
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