वाशिंगटन : कश्मीर मसले पर चीन और पाकिस्तान को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी है. जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के मुद्दे को पाकिस्तान की शह पर चीन ने यूएनएससी की बैठक में उठाया. लेकिन यहां शुक्रवार को हुई बैठक में पाकिस्तान और चीन को विश्व के किसी दूसरे देश का समर्थन नहीं मिला. रूस सहित अन्य देशों ने भारत का समर्थन किया.
वहीं पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से भी करारा झटका मिला है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया. उनका उद्देश्य ट्रंप से समर्थन मांगने का था. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से पाक पीएम इमरान खान को दो टूक जवाब मिला. डोनाल्ड ट्रंप ने उनसे कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत द्वारा हल करें.
व्हाइट हाउस के डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी होगन गिडली ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात को अहमियत दी है कि भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत से हल करें. वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के एंबेसडर सैयद अकबरुद्दीन ने बैठक के बाद भारत का पक्ष रखा और चीन व पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में समझा दिया. अकबरुद्दीन ने कहा कि, ''ये पूरी तरह से भारत का अंदरूनी मामला है. ये भारत की संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत लिया गया फैसला है. किसी दूसरे देश का इससे कोई लेना देना नहीं है.''
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