इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आम चुनावों में बड़ी जीत दर्ज करने वाले इमरान खान ने आज प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है. चुनाव के समय पर पाकिस्तान-तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने जनता से पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आगे ले जाने के लिए कई सारे वादे किए थे, अब इमरान पर उन वादों को पूरा करने का दबाव जरूर होगा.
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इमरान खान के सामने खड़ी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है कर्ज, इस समय पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय क़र्ज़ के दलदल में गले तक धंसा हुआ है. धन के बेतरतीब इस्तेमाल और आतंकवाद को पालने पोसने के आरोपों को झेल रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की तरफ से भी नीचा देखना पड़ा है. एफएटीएफ पहले ही पाकिस्तान को ग्रे सूचि में डाल चुका है, इसके बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा सकती है. इमरान के सामने कर्ज के साथ-साथ आतंकवाद से निपटने की भी चुनौती होगी, क्योंकि पाकिस्तान का अधिकतर धन आतंकियों को पालने में खर्च होता है.
पकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब इमरान को करना पड़ेगा इन चुनौतियों का सामना
दूसरी सबसे बड़ी चुनौती इमरान के सामने भारत-पाक संबंधों को लेकर होगी, 2016 में हुए उड़ी हमले के बाद दोनों देशों के संबंधों में जो गहरी दरार बनी उसको आज तक भी भरा नहीं जा सका है, इस तनातनी की वजह से भारत ने पहले 2016 में पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार किया था. उड़ी हमले में पाकिस्तान की सेना का हाथ था और पाकिस्तानी सेना भारत-पाक से संबंधों में सुधार नहीं चाहती, इसके लिए इमरान को सेना के खिलाफ जाना होगा. हालाँकि इमरान के लिए सेना के खिलाफ जाना आसान नहीं होगा क्योंकि विदेश मामलों के जानकार कमर आगा ने संकेत दिया है कि जब तक इमरान सेना के इशारे पर काम करते रहेंगे तब तक सत्ता में बने रहेंगे, अन्यथा हटा दिए जाएंगे. अब देखना ये है कि क्या इमरान पाक के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन पाते हैं, जो अपना कार्यकाल पूरा कर सके.
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