संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बीते बुधवार को 1267 प्रतिबंध समिति प्रक्रिया के तहत दो भारतीय नागरिकों को आतंकवादी के रूप में नामित करने के पाकिस्तान के प्रयासों को खारिज किया है. वह इस वजह से, क्योंकि पाकिस्तान अपने आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश करने में असमर्थ रहा. आप सभी को बता दें कि पाकिस्तान के इस प्रयास को जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को 1267 समिति द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने में भारत की सफलता के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन वह इसमें नाकाम रहा है.
आप सभी को बता दें कि पाकिस्तान ने साल 2019 में कुल चार भारतीयों को आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए एक पहल आरम्भ कर दी थी. वहीँ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पड़ोसी देश लगातार यह कह रहा था कि ये चारो भारतीय नागरिक कथित रूप से राज्य प्रायोजित आतंकवाद में जुड़े हुए थे. पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगा दिया था कि ये सभी अफगानिस्तान-आधारित समूह का हिस्सा थे. जिसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और जमात-उल-अहरार द्वारा आतंकवादी हमलों को संगठित करने के लिए मदद की थी.
ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने कहा कि पाकिस्तान ने जिन दो भारतीयों को नामित करने के प्रयास किए उनमें वेणुमाधव डोंगरा और अजॉय मिस्त्री का नाम शामिल है. पाकिस्तान के इस दावे को जून-जुलाई में सुरक्षा परिषद ने साफ़ अस्वीकारा. वहीँ अब बीते बुधवार को इस मामले पर चर्चा के दौरान सुरक्षा परिषद ने दो भारतीयों को आतंकवादी घोषित करने के पाकिस्तान के प्रयास को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि पड़ोसी देश सबूत प्रस्तुत करने में विफल रहा.
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