इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एक बार फिर आतंकी संगठन तालिबान के समर्थन में बयान दिया है. इमरान खान ने कहा है कि जब तक अशरफ गनी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद पर हैं, तब तक तालिबान वहां की सरकार से बात नहीं करेगा. इस्लामाबाद में विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए पाक पीएम ने कहा कि मौजूदा हालात में राजनीतिक समझौता मुश्किल नज़र आ रहा है.
इमरान खान ने आगे कहा कि, 'मैंने तीन से चार माह पहले तालिबान को मनाने का प्रयास किया था, जब वे यहां आए थे. किन्तु कोशिश नाकाम रही.' वहीं अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के ताजा बयानों पर जवाब देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को अपनी धरती पर आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकाने के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए. तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों के लिए जमीन की पहुंच में कटौती करनी चाहिए.
कुरैशी ने अफगानिस्तान में शांति के विरुद्ध काम करने के लिए कुछ अज्ञात बल का जिक्र किया था और समूह पर नजर रखने का अनुरोध किया था. कुरैशी ने कहा था कि अफगानिस्तान की इस स्थिति के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही हैं, किन्तु उनका मानना है कि अफगानिस्तान के बाहर कोई गुट शांति प्रक्रिया को खराब कर रहा है.
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