इस्लामाबाद: पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने शनिवार को कहा है कि पाकिस्तानी माफिया न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं पर दबाव डालने के लिए ब्लैकमेल और धमकी जैसे तरकीब अपना रहा है, जिस तरह 'सिसिलियन माफिया' अपनाते थे. समाचार पत्र 'द नेशन' के मुताबिक, पीएम इमरान खान ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि, 'पाकिस्तानी माफिया विदेशों में जमा अपनी अरबों की धनराशि की सुरक्षा के लिए न्यायपालिका और सरकारी संस्थानों पर दबाव बनाते हैं, और इसके लिए वे सिसिलियन माफिया की तरह रिश्वत, धमकी, ब्लैकमेल और गिड़गिड़ाने जैसी तरकीबें इस्तेमाल करते हैं.'
पीएम इमरान खान का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश अरशद मलिक ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट को लिखे गए एक पत्र में दावा किया है कि उन्हें 10 करोड़ रुपये रिश्वत ऑफर की गई थी. मलिक इन दिनों एक वीडियो विवाद में फंसे हुए हैं. मलिक ने अपने पत्र में दावा किया है कि उन्हें पूर्व पीएम नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज और विदेश में स्थित उनके पूरे परिवार की ओर से इस शर्त पर 50 करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे, इस आधार पर इस्तीफा दे दें कि वह बिना सबूत के नवाज शरीफ को दोषी ठहराने का गुनाह अब सह नहीं पा रहे हैं.
आपको बता दें कि जज अरशद मलिक ने शरीफ को गत वर्ष 24 दिसंबर को अल अजीजिया स्टील मिल मामले में सात साल कैद की सजा सुनाई थी. उन्होंने पत्र में कहा है कि नसीर जांजुआ और माहर जिलानी उनसे तब से मिलते रहे हैं, जब वह इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत-2 के न्यायमूर्ति नियुक्त किए गए थे. दोनों तभी से एचएमई एंड फ्लैगशिप निवेश मामले में पूर्व पीएम नवाज शरीफ के पक्ष में निर्णय देने की मांग कर रहे थे.
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