भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब अपने नागरिकों को दैनिक दिनचर्या की जरूरी कीमतों पर अंकुश लगाने की याद आई है. इससे पहले यहां जरूरी चीजों की कीमतें भी आसमान छू रही थीं, अब रविवार को इमरान खान ने ऐलान किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार संघीय कैबिनेट में की बैठक में बुनियादी खाद्य पदार्थों की कीमतों को कम करने के उपायों की घोषणा करेगी.
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इस मामले को लेकर पीएम इमरान खान ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि मैं समझता हूं कि आम लोग वेतनभोगी वर्ग कठिनाई का सामना कर रहे हैं और फैसला किया है कि किस तरह से इन लोगों के इस्तेमाल किए जाने वाले सामानों के बढ़ते दामों पर रोक लगाई जाए और उनको सामान्य कीमत पर ये चीजें मुहैया कराई जाए. उन्होंने एक ट्वीट में ये भी बताया कि जिन सरकारी एजेंसियों ने आटा और चीनी की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी कर दी थी उसकी गहन जांच शुरू कर दी गई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को यह आश्वासन दिया कि यदि इस मामले में जो भी जिम्मेदार पाए जाएंगे उनसे जवाब मांगा जाएगा और उनको दंडित किया जाएगा. पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो ने पिछले सप्ताह बताया कि मुद्रास्फीति की दर जनवरी में बढ़कर 14.6 प्रतिशत हो गई जो पिछले महीने में 12.6 प्रतिशत थी, जो कि 12 वर्षों में उच्चतम स्तर थी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति, पिछले महीने की तुलना में 1.97 गुना अधिक है. पिछली बार, देश में सबसे अधिक मुद्रास्फीति वर्ष 2007-08 में 17pc दर्ज की गई थी. जारी किए गए आंकड़ों से पता चला कि उच्च खाद्य कीमतें, विशेषकर गेहूं और आटा, दाल, चीनी, गुड़ और खाद्य तेल, जनवरी में समग्र मुद्रास्फीति के सबसे बड़े चालक थे.
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