जम्मू कश्मीर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा जम्मू कश्मीर को लेकर महत्वपूर्ण काॅन्फ्रेंस की जा रही है। इस बैठक में जम्मू कश्मीर हिंसा, आतंकियों को लेकर चर्चा, अलगाववादियों को संघ की ओर से मैसेज दिए जाने के प्रयास की बात और आरएसएस के सदस्यों द्वारा भागीदारी करने की बात की गई थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बैठक में 195 प्रचारक भाग लेंगे। उक्त बैठक के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत जम्मू पहुंच गए हैं।
मोहन भागवत ने 15 जुलाई से 17 जुलाई तक विभिन्न समूहों से बैठक की। आरएसएस नेता बलराज मधोक द्वारा 1940 में जम्मू कश्मीर में आरएसएस की शाखा द्वारा स्थापना की गई। मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर के मामले में कुछ परेशानियां आ रही थीं। उक्त बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य नेता जम्मू कश्मीर पहुंचे।
इस मामले में दावा किया गया कि मधोक द्वारा कश्मीर के राजा हरि सिंह से चर्चा में कहा गया कि उन्हें विलय हेतु तैयार किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार श्रीनगर के लालचैक में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा भारत का ध्वज फहराया गया था। इस समय भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने तिरंगा फहराया था। उक्त बैठक में कश्मीर से जुड़े मामले पर चर्चा होगी। मिली जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय प्रचारक की बैठक में आतंकियों व अलगाववादियों को लेकर चिंतन करने का प्रयास किया जा रहा है।
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