नई दिल्ली : गुजरात में 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प के इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को तत्काल राहत देने से इंकार कर दिया है. इससे कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फिर गया है. दरअसल कांग्रेस ने अपनी पार्टी में मची फूट से होने वाले नुकसान से बचने की कोशिश के तहत यह याचिका दाखिल की थी.
बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल के खिलाफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताभ रॉय और जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ के समक्ष याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की थी ..सिब्बल ने बहस में कहा कि अगर नोटा पर स्टे नहीं लगाया गया तो इससे भ्रष्टाचार और बढ़ेगा.
उल्लेखनीय है कि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में NOTA के प्रावधान की संवैधानिकता के सवाल पर सुनवाई के लिए तैयार है, लेकिन सिर्फ गुजरात के राज्यसभा चुनाव के लिए ही यह याचिका क्यों?पीठ ने सिब्बल से पूछा कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2014 में ही इसके लिए अधिसूचना जारी की थी . इसके बाद कई राज्यसभा चुनाव हुए, तब आप कहां थे.चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद NOTA का प्रावधान किया गया है. .स्मरण रहे कि गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी से अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंतसिंह राजपूत उम्मीदवार हैं , वहीं कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल चुनाव मैदान हैं.
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