कितने मामलों में 'जमानत' पर जेल से बाहर हैं राहुल गांधी ? एक में भी क्लीन चिट नहीं !

कितने मामलों में 'जमानत' पर जेल से बाहर हैं राहुल गांधी ? एक में भी क्लीन चिट नहीं !
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नई दिल्ली: कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी को सारे मोदी चोर हैं मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी है। उन्हें चार साल लम्बी चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी करार दिया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी, हालाँकि, कुछ ही मिनटों में उन्हें जमानत भी मिल गई। बता दें कि, यह पहला मामला नहीं है, जिसमे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जमानत पर जेल से बाहर चल रहे हैं। आइए ऐसे कुछ मामलों पर नज़र डालते हैं, जिनमे राहुल को जमानत मिली हुई है। 

नेशनल हेराल्ड मामला:-

भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की ईमारत पर कब्जा करने के लिए किया गया था। साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को TJL की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। 

बता दें कि प्रथम पीएम जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर 1938 में नेशनल हेराल्ड की स्थापना थी। एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। जिसके बाद कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि कांग्रेस ने इसे 90 करोड़ का कर्ज दिया था।  इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी स्थापित की गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी साझेदारी है। बाकी की 24 फीसदी साझेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज (दोनों अब मृतक) के पास थी। 

इसके बाद TJL के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन ' को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस के कर्ज का भुगतान करना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर प्राप्त हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का कर्ज भी माफ कर दिया। यानी 'यंग इंडियन' को फ्री में TJL का स्वामित्व मिल गया। बता दें कि 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में शीघ्र सुनवाई के लिए स्वामी से उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने को कहा था। 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने बेल दे दी थी। 2016 में शीर्ष अदालत ने मामले को निरस्त करने से इनकार करते हुए सभी 5 आरोपियों सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को अदालत में हाजिर होने से छूट दे दी थी। इससे पहले कांग्रेस द्वारा कहा जा रहा था कि, राहुल गांधी जमानत लेने की बजाए जेल जाना पसंद करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फ़िलहाल राहुल इस मामले में जमानत पर जेल से बाहर हैं।  

गौरी लंकेश हत्याकांड और RSS का मामला:-

गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा और संघ की विचारधारा से जोड़ने वाले बयान पर राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। इस मामले में भी शिवड़ी कोर्ट ने 15 हजार रु. के निजी मुचलके पर राहुल गांधी को अग्रिम जमानत दे दी थी। बता दें कि, यह IPC की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मुकदमा है। जिसमे 2 साल जेल की सजा का प्रावधान है, लेकिन इस मामले में राहुल जमानत पर हैं। 

सारे मोदी चोर हैं:-

बता दें कि, सूरत जैसा ही एक मामला राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची के सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भी चल रहा है। राहुल गांधी द्वारा सारे मोदी चोर हैं वाला बयान दिए जाने पर उनके खिलाफ, IPC की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का मुकदमा दर्ज है। इसमें भी 2 साल की सजा का प्रावधान है 

RSS ने महात्मा गांधी को मारा:- 

यह मामला महाराष्ट्र के भिवंडी शहर की एक कोर्ट में चल रहा है। जिसमें राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे RSS का हाथ था। RSS के एक स्थानीय पदाधिकारी राजेश कुंटे ने राहुल गांधी के उस भाषण को सुनने के बाद 2014 में उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस केस को रद्द करवाने राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट गए थे। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई 2016 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को फटकार लगते हुए कहा था कि उन्हें महात्मा गांधी की हत्या के लिए RSS को जिम्मेदार बताने वाले बयान पर माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राहुल को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए या फिर अदालत में ट्रायल का सामना करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल से पूछा था कि, 'आपने क्यों इस तरह का अतिरेकपूर्ण बयान दिया और RSS से जुड़े हर शख्स पर सवाल खड़े किए।' यह केस अब भी भिवंडी कोर्ट में चल रहा है, जिसमे 1 अप्रैल 2023 को सुनवाई होनी है। 

चौकीदार चोर है पर मांगनी पड़ी थी माफ़ी :-

बता दें कि, 2019 के लोकसभा चुनाव के दप्रचार के दौरान राहुल गांधी ने राफेल डील मामले को लेकर एक भाषण में कह दिया था कि, अब तो सुप्रीम कोर्ट भी मान चूका है कि, 'राफेल डील में घोटाला हुआ है और चौकीदार ही चोर है।' इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को जमकर फटकार लगाई थी कि, आप अदालत का नाम लेकर ऐसा झूठ नहीं बोल सकते। जिसके बाद राहुल ने अपने बयान पर खेद जताया था। राहुल ने भविष्य में अदालत के हवाले से ऐसी कोई भी बात नहीं कहने की भी बात कही थी, जिसे न्यायालय ने न कहा हो। लेकिन, राहुल के पहले हलफनामे पर सर्वोच्च न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने दूसरा हलफनामा दाखिल किया। 22 पेज के दूसरे हलफनामे में एक जगह ब्रैकेट में 'खेद' शब्द लिखे जाने पर शीर्ष अदालत ने कड़ा रुख अपनाया, जिसके बाद आखिरकार राहुल ने तीसरा हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांग ली थी।

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