तेहरान: ईरान, जो एक शिया मुस्लिम देश है, में महिलाओं के कपड़ों को लेकर सख्त कानून लागू हैं। यहां महिलाओं के लिए सिर पर स्कार्फ पहनना और ढीले-ढाले कपड़े पहनना अनिवार्य है। हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने इन नियमों का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक स्थान पर अपने कपड़े उतार दिए, जो उसके विरोध का एक तरीका था।
यह घटना तेहरान के आजाद विश्वविद्यालय ऑफ साइंस और रिसर्च में हुई। रिपोर्टों के अनुसार, नैतिक पुलिस (बासिज मिलिशिया) ने महिला को परेशान किया और उसका हिजाब और कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद, महिला ने विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला ने उचित कपड़े नहीं पहने थे, जिससे उसे नैतिक पुलिस द्वारा चेतावनी दी गई थी।
महिला ने अपने कपड़े उतारकर सड़कों पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस पर ईरानी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एक ईरानी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि गिरफ्तार करते समय महिला के साथ मारपीट की गई। वहीं, रूढ़िवादी फार्स समाचार एजेंसी ने बताया कि सुरक्षा गार्डों ने छात्र को "अनुचित कपड़े" पहनने पर चेतावनी दी और गवाहों के अनुसार, उन्होंने महिला के साथ शांति से बात की थी।
ईरान में अनिवार्य ड्रेस कोड के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। 2022 में महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद महिलाओं ने इन नियमों के खिलाफ विरोध किया था। उस दौरान महिलाओं ने न केवल अपने हिजाब उतारे थे, बल्कि उन्हें जलाया भी था। इस आंदोलन में 551 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी और हजारों को गिरफ्तार किया गया था। यह घटना फिर से ईरान में महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष को उजागर करती है।
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