दुनिया में धर्म और आस्था में कई ऐसे चमत्कार होते हैं जिनसे भगवान में श्रद्धा और भी बढ़ जाती है. हाल ही में एक ऐसा ही चमत्कार एक देवी के मंदिर में दिखाई देता है जिसमें दीपक को जलाने के लिए किसी घी या तेल की जरुरत नहीं पड़ती हैं. यह क्रम आज से नहीं बल्कि कई वर्षो से चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से मशहूर यह मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे आगर-मालवा के नलखेड़ा गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर गाड़िया गांव के पास स्थित है. इस मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दूर दूर से आते है.
बताया जा रहा है कि इस मंदिर में पिछले पांच साल से एक महाजोत (दीपक) लगातार जलती आ रही है. हालांकि देश में ऐसे अनेक मंदिर हैं, जहां इससे भी लंबे वक्त से दीये जलते आ रहे हैं, लेकिन यहां के महाजोत की बात सबसे जुदा है. मंदिर के पुजारी का दावा है कि इस मंदिर में जो महाजोत जल रही है, उसे जलाने के लिए किसी घी, तेल, मोम या किसी अन्य ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि यह आग के दुश्मन पानी से जलती है. पुजारी सिद्धूसिंह बताते हैं कि पहले यहां हमेशा तेल का दीपक जला करता था, लेकिन करीब पांच साल पहले उन्हें माता ने सपने में दर्शन देकर पानी से दीपक जलाने के लिए कहा. मां के आदेश के अनुसार पुजारी ने वैसा ही कार्य किया.
सुबह उठकर जब पुजारी ने मंदिर के पास में बह रही कालीसिंध नदी से पानी भरा और उसे दीये में डाला. दीये में रखी रुई के पास जैसे ही जलती हुई माचिस ले जाई गई, वैसे ही ज्योत जलने लगी. ऐसा होने पर पुजारी खुद भी घबरा गए और करीब दो महीने तक उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया. बाद में उन्होंने इस बारे में कुछ ग्रामीणों को बताया तो उन्होंने भी पहले यकीन नहीं किया, लेकिन जब उन्होंने भी दीए में पानी डालकर ज्योत जलाई तो ज्योति सामान्य रूप से जल उठी. उसके बाद से इस चमत्कार के बारे में जानने के लिए लोग यहां काफी संख्या में आते हैं. जब से ये खबर फैली हैं लोगो को आना जाना इस मंदिर में लगा हुआ हैं.
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