भुवनेश्वर: ओडिशा में, तीन साल पहले हुई एक दुखद घटना में काले जादू का आरोप लगाकर एक दंपत्ति को जिन्दा जलाकर मार डालने के मामले में 17 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह घटना ओडिशा के जाजपुर जिले में हुई थी, जिसमें पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। सरकारी वकील रजत कुमार राउत ने खुलासा किया है कि अदालत ने 20 गवाहों और अन्य सबूतों की गहन जांच के बाद सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
कानूनी कार्यवाही जिला एवं सत्र न्यायाधीश हृषिकेश आचार्य की अदालत में शुरू हुई, जिन्होंने गुरुवार (16 नवंबर) को सभी 17 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। बता दें कि, यह भयावह घटना 7 जुलाई, 2020 को देर रात कलिंगा नगर इलाके के निमापाली गांव में घटी थी। कई ग्रामीणों ने दंपति, शैला बलमुज और सांबरी बलमुज के आवास पर हमला किया, उन्हें क्रूर पिटाई की और अंततः उन्हें जलाकर मार डाला। यह हमला जादू-टोने के संदेह में किया गया था, जिसके चलते हमलावरों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया।
घटना के बाद, कानून प्रवर्तन तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा और हत्या की गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्यवाही शुरू की थी। इसके बाद, अपराध के सिलसिले में 17 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद अन्य व्यक्तियों की पहचान की, जिनमें से 20 सरकारी गवाह बन गए थे। मृतक दम्पत्ति के परिवार के सदस्यों ने एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने गहन जांच की, जिसके परिणामस्वरूप आरोप पत्र दाखिल किया गया था। कड़ी सज़ा का उद्देश्य ऐसे मामले में न्याय प्रदान करना है, जो अंधविश्वास और जादू-टोना में विश्वास के घातक परिणामों को रेखांकित करता है।
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