नई दिल्ली: लोकसभा में सत्ता पक्ष के भारी विरोध के बीच असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोसी ने कहा कि सुबह स्पीकर के कार्यालय में पत्र मिला कि गौरव गोगोई की जगह राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे। जैसे ही असम के लालियाबोर सांसद गौरव गोगोई ने प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया, जोशी ने कहा कि, "क्या हुआ? हम उन्हें (राहुल को) सुनने में रुचि रखते हैं।"
वहीं, गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू करते हुए कहा कि मणिपुर पर बयान देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि, "हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं। यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था, बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है। I.N.D.I.A ने मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है। मणिपुर न्याय चाहता है।"
गोगोई ने कहा, "प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले रखा है। इसलिए, हमें उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनसे तीन सवाल हैं - उन्होंने ऐसा क्यों किया है?" अब तक मणिपुर का दौरा नहीं किया? आखिरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब उन्होंने बोला तो सिर्फ 30 सेकंड के लिए क्यों बोला? पीएम ने अब तक मणिपुर के सीएम [एन बीरेन सिंह] को बर्खास्त क्यों नहीं किया?"