'नकली मजदूर, फर्जी तालाब ..' राजस्थान में 'मनरेगा' के नाम पर यूँ हुआ 300 करोड़ का घोटाला

'नकली मजदूर, फर्जी तालाब ..' राजस्थान में 'मनरेगा' के नाम पर यूँ हुआ 300 करोड़ का घोटाला
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जयपुर: कांग्रेस शासित राजस्थान के नागौर और बाड़मेर जिलों में मनरेगा के अंतर्गत 300 करोड़ रुपयों का बड़ा घोटाला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूबे के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा ने बताया है कि, नागौर जिले में करीब 80 करोड़ से 100 करोड़ रूपयों के बीच घोटाला किया गया है, जबकि बाड़मेर में 150 करोड़ से लेकर 200 करोड़ तक के घोटाले का अंदेशा लगाया जा रहा है।

बाड़मेर जिले से मनरेगा मामले में सामने आए इस बड़े घोटाले के बाद ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री मीणा ने कहा है कि ऐसा ही एक मामला जैसलमेर जिले में भी सामने आया है। उन्होंने बताया कि सूबे में हो रहे ऐसे मामलों पर सरकार की नजर है और ऐसे मामलों की पहचान की जा रही है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री मीणा ने आगे कहा कि, मनरेगा में हो रहीं इन अनियमितताओं की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने बताया है कि इस बात के पीछे जूनियर स्तर के अधिकारियों की साठ-गांठ और वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा इंजीनियर्स का हाथ होने का भी संदेह है।

कांग्रेस के मंत्री ने आगे कहा जब इस बारे में नागौर जिले के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि, ’करीब 1,100 तालाब विकसित किए गए हैं। हालांकि, वो वास्तविक संख्या को सही नहीं बता रहे हैं, यही घोटाला है हम इसकी उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करवाएंगे। वास्तविक आंकड़े तो जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे।’ मीणा ने बताया कि इस जिले में FTO यानि कि फंड ट्रांसफर के ऑर्डर 200 करोड़ से भी अधिक का है जो कि अनियमितता का मामला दिखाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी से जब इस संबंध में चर्चा की गई, तो उसने बताया कि बाड़मेर जिले में विगत पांच वर्षों के दौरान 1.38 लाख तालाब बनाए गए हैं। और इसके साथ ही इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि पांच वर्षों में नागौर में लगभग 50,000 से 55,000 तालाब बनाए गए हैं। इस पर कैबिनेट मंत्री ने बताया इन जिलों में नकली मजदूरों को लेबर पेमेंट किया गया है दूसरा जिस प्रकार से मीणा ने कहा कि, ‘एक तो इन जिलों में नकली लेबर पेमेंट किए गए हैं। दूसरा उस हिसाब से जमीन पर कोई काम नहीं नज़र आता है।’

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