लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच ट्रेनों में यात्रा करने के लिए टिकट बुकिंग कराने के मामले में मनमानी करने वाले सांसदों पर सचिवालय ने अंकुश लगाने का फैसला किया है. रेलवे टिकट की बुकिंग के बावजूद यात्रा न करने और टिकट को कैंसिल न कराना अब उन्हें भारी पड़ेगा. राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक कुछ सांसद एक ही दिन एक ही समय पर कई कई ट्रेनों में यात्रा करने के लिए अलग-अलग स्टेशनों से विभिन्न गतंव्य के लिए टिकट रिजर्वेशन की एडवांस बुकिंग करा लेते हैं. लेकिन यात्रा किसी एक ट्रेन में अथवा एक ही गतंव्य की करते हैं या छोड़ देते हैं. लेकिन ट्रेनों के बुक टिकटों के कैंसिल न होने की वजह से रेलवे उन बुक टिकटों की वसूली का दावा राज्यसभा सचिवालय से करता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सचिवालय ने अपने सांसदों से आग्रह किया है कि वे जिन टिकटों पर ट्रेन से एडवांस बुकिंग के बावजूद यात्रा न करें, उसे समय से कैंसिल जरूर करा दें, जिससे राज्यसभा के बजट पर पड़ने वाले बेवजह के बोझ से बचा जा सकता है. इसके साथ ही दूसरे लोगों को यात्रा के लिए वैकल्पिक टिकट मिल सकेगा. लेकिन टिकट बुक कराने के बावजूद उस पर यात्रा न करने और समय से उस टिकट को कैंसिल न कराने वाले सदस्यों से उसका पैसा वसूला जाएगा.
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इसके अलावा संसद के प्रत्येक सदस्य को नियमानुसार फर्स्ट क्लास एयर कंडीशन अथवा एक्जीक्यूटिव क्लास में यात्रा के लिए किसी भी ट्रेन में किसी भी समय पूरे भारत में मुफ्त टिकट अथवा पास प्राप्त है. इसके अलावा हर सांसद के एक सहायक को एक टिकट सेकंड एसी क्लास में मुफ्त मिलता है. एक अन्य प्रावधान में संसद सदस्य अपने जीवन साथी के साथ देश में कहीं भी फर्स्ट क्लास एयरकंडीशन डिब्बे में यात्रा की मुफ्त सुविधा मिलती है.
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