लखनऊ: यतीमखाना मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के MLA और पूर्व मंत्री आज़म खान की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। इस मामले में दो पीड़ितों ने कोर्ट में आरोपितों की शिनाख्त की है। मामला रामपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली यतीमखाना बस्ती को जबरन खाली कराने से संबंधित है। आरोपितों पर घर में घुसकर लूटपाट, मारपीट, डकैती और भैसों की चोरी का इल्जाम है।
इस मामले में 11 मार्च 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से MPMLA अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान सराय गेट के निवासी मोहम्मद कमर उर्फ पप्पू और मुन्ने ने भैंसों की चोरी के मामले की पुष्टि की। साथ ही अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ही माध्यम से पेश हुए सपा नेता आजम खान, रिटायर्ड CO आले हसन, सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल और इस्लाम ठेकेदार आदि की पहचान भी की। सभी पीड़ितों ने अदालत में अपने पुराने बयान को दोहराया।
बता दें कि यतीमखाना मामला वर्ष 2016 का है। 15 अक्टूबर 2016 को कमर ने आरोप लगाया था कि सपा नेता सहित लगभग 30 लोग उसके घर में घुस गए। सारा सामान घर से बाहर फिकवाने के बाद उस पर बुलडोजर चलवा दिया। साथ ही चार भैंस भी खोल ले गए। 2019 में आऱोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। कोतवाली थाने क्षेत्र में इस संबंध में कुल 12 केस दर्ज किए गए थे। बहरहाल, अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 6 मई 2022 को नियत की है।
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