भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में अंधविश्वास के चलते निमोनिया के उपचार के नाम पर एक बार फिर मासूम बच्चे को गर्म सलाखों से दागने की घटना सामने आई है। गंभीर तौर पर घायल बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। निमोनिया के उपचार के नाम पर मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के ऐसे कई दर्जनों केस सामने आ चुके हैं।
वही बाल कल्याण समिति के सदस्य मोहम्मद फारूख ने बताया कि नीमच जिले के घाटोदी गांव का निवासी शंभु भील भीलवाड़ा शहर में मजदूरी का काम करता है। उसके 7 महीने के बेटे सुनील की कुछ दिनों से सेहत खराब चल रही थी जिसे महात्मा गांधी हॉस्पिटल में इलाज के लिए लगाया गया।
वही निमोनिया होने पर बच्चे को गर्म सलाखों से दागा गया था। बच्चे के हालात बहुत गंभीर है, उसको सांस लेने में समस्या हो रही थी। पिता ने बताया कि वह तो काम पर चल गया था तथा मां ने यह बताया था कि बेटे को सांस लेने में समस्या हो रही थी। मासूम की मां को किसी ने कहा कि ऐसी सांस की समस्या होने पर गर्म सलाखों से दागने से बच्चा ठीक हो जाता है। मासूम की मां ने अपने पीहर हमीरगढ़ में सलाखों से दाग लगवा दिया।
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