दीपावली का पर्व हिंदुस्तान के अतिरिक्त नेपाल में भी मनाया जाता है किंतु नेपाल की दिवाली कुछ अलग होती है। क्योंकि नेपाल में यमराज के प्रतीक के तौर पर कुत्तों की उपासना की जाती है। नेपाली हिंदू धर्म में कुकुर तिहार 1 दिन के लिए कुत्तों के पर्व के रूप में समर्पित है। नेपाल में दीपावली महोत्सव के चलते कुकुर तिहार नामक एक पर्व मनाया जाता है जिसमें कि कुत्तों को सम्मानित किया जाता है तथा उनकी उपासना की जाती है।
नेपाल में दिवाली को तिहार कहा जाता है। दीपावली के अन्य समारोह के समान कुकुर तिहार के दौरान रात में दीया जलाया जाता है। दिन में कुत्तों को टीका लगाकर उनको सम्मानित किया जाता है। कुत्तों की उपासना के लिए कुकुर तिहार मनाने की परंपरा नेपाली हिंदू धर्म में अद्वितीय है। ऐसा एक्साम्प्ल विश्व के किसी धर्म में नहीं मिलता। दरअसल, कुकुर तिहार में कुत्तों को यम भगवान का संदेश वाहक माना जाता है। हिंदू परंपरा मानती है कि कुत्ता यम का दूत है ।
कुत्तों के प्रति प्यारा दर्शाने वाले इस पर्व का आरम्भ धनतेरस से होती है। कुकुर तिहार पर कुत्तों के सिर पर लाल रंग से टीका लगाया जाता है। पुष्पों का आहार पहना कर उनकी पूजा की जाती है तथा मिठाई खिलाई जाती है। नेपाल के नागरिकों का मानना है कि ऐसा करने से यम देवता खुश होते हैं तथा उन्हें दुखों का नाश करते हैं।
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