मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है। जो दूसरे धर्म एवं दूसरी जाति में शादी करने वाले जोड़ों की देखरेख करेगी। साथ ही ऐसी महिलाओं की खबर जुटाएगी जो शादी करने के लिए अपने परिवारों से अलग हो गई हैं। समिति के प्रमुख एवं राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि इसका मकसद श्रद्धा वॉल्कर जैसे मामलों को रोकना है। वहीं इसका विरोध करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार को लोगों के निजी जीवन की जासूसी करने का कोई अधिकार नहीं है।
दरअसल, मंगलवार को प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में बताया गया है कि "इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)" की अध्यक्षता लोढ़ा करेंगे। समिति ऐसे विवाहों में सम्मिलित महिलाओं के लिए जिला स्तर पर निगरानी करेगी जो अपने परिवारों से अलग हो सकती हैं, जिससे जरुरत पड़ने पर उनकी सहायता की जा सके।
बुधवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए लोढ़ा ने कहा कि समिति का गठन इसलिए किया जा रहा है जिससे श्रद्धा वॉल्कर जैसा मामला फिर से न हो। उन्होंने कहा, "सच्चाई यह है कि वॉल्कर के परिवार को पता नहीं था कि वह छह महीने पहले मर गई थी। हम एक और श्रद्धा नहीं चाहते हैं तथा यही वजह है कि समिति का गठन कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी शादियों में महिलाओं अपने परिवारों से दूर तो नहीं हैं।'' सरकारी प्रस्ताव में बताया गया है कि समिति महिलाओं एवं उनके परिवारों की काउंसलिंग करने और उनके बीच दिक्कतों को हल करने के लिए एक मंच होगी। कल्याणकारी योजनाओं और मामले से संबंधित कानूनों के बारे में प्रदेश एवं केंद्र सरकार की नीतियों का अध्ययन करने के लिए पैनल में सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्रों के 13 सदस्य होंगे। समिति जिला अफसरों के साथ नियमित रूप से बैठकें करेगी एवं रजिस्टर्ड एवं गैर-रजिस्टर्ड अंतर्धार्मिक और अंतर्जातीय शादियों की जानकारी एकत्र करेगी। इनमें ऐसी शादी सम्मिलित होंगी, जो पूजा स्थलों में हुई हैं और जो भागकर की गई है।
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