पटना: बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण के निष्कर्षों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) रविवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वह पटना में इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और बिहार के सभी 38 जिलों में इसी तरह के प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। तेजस्वी यादव ने बताया कि यह मांग लंबे समय से चल रही है और उनकी पार्टी ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। बता दें कि, संविधान की नौंवी अनुसूची में डलने के बाद कोई भी मुद्दा न्यायपालिका के दायरे से बाहर हो जाता है, फिर अदालतें उस मुद्दे में दखल नहीं दे सकती।
उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में चुप्पी के लिए निशाना बनाते हुए तेजस्वी ने कहा कि केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद जेडीयू और नीतीश को इस मुद्दे की कोई परवाह नहीं है। हाल ही में OBC कल्याण पर एक संसदीय समिति की बैठक हुई थी, जिसमें INDIA गठबंधन के दलों और NDA सहयोगियों ने जातिगत जनगणना की मांग को जोर-शोर से उठाया था। इस बैठक में JDU ने जातिगत जनगणना कराने की मांग की और OBC के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा। JDU ने कहा कि वर्तमान क्रीमी लेयर की सीमा OBC वर्ग के लिए पर्याप्त नहीं है और इसे बढ़ाने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
बैठक में INDIA गठबंधन के दलों ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने समिति के अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे गृह मंत्रालय को एक सिफारिशी पत्र भेजें, जिसमें देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की जाए। इसके साथ ही, OBC के लिए खाली पदों को भरने और आरक्षण लागू करने की भी मांग की गई। विशेष रूप से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC की खाली सीटों को तुरंत भरने और अस्थायी पदों में आरक्षण लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
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