जयपुर: राजस्थान विधानसभा की सात सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में कुल 69 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन उपचुनावों में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों के लिए किला बचाने और जीतने की चुनौती है। बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम तो शामिल किया गया है, लेकिन अब तक वह प्रचार के मैदान में नहीं उतरी हैं। इस पर कई कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वसुंधरा राजे की सियासी भूमिका अब समाप्त हो रही है और क्या उनका प्रभाव खत्म हो गया है।
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वसुंधरा राजे एक बड़ी नेता हैं, लेकिन उपचुनाव क्षेत्रीय होते हैं, इसलिए उन्हें प्रचार में शामिल करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और उनकी भूमिका मार्गदर्शक की है, जिस पर पार्टी नेतृत्व का फैसला होता है। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में वसुंधरा राजे की सक्रियता में कमी आई है।
चुनावी प्रचार में उनके नाम का उल्लेख होने के बावजूद, वह प्रचार के मैदान से दूर रही हैं, जबकि अन्य नेता जैसे भजनलाल शर्मा, भूपेंद्र यादव और अर्जुनराम मेघवाल जैसी प्रमुख हस्तियां लगातार प्रचार में व्यस्त हैं। राजस्थान बीजेपी के अंदर की यह स्थिति यह संकेत देती है कि वसुंधरा राजे की भूमिका अब सीमित होकर मार्गदर्शन तक रह गई है।
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