आमदनी 72 लाख, संपत्ति 35 करोड़! अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका

आमदनी 72 लाख, संपत्ति 35 करोड़! अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका
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लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को मनी लॉंड्रिंग के केस में राहत देने से साफ़ इनकार करते हुए कहा है कि विवेचना से पता चलता है कि मंत्री बनने के बाद उसके सम्पत्ति में बेतहाशा इजाफा हुआ है, प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना पाया जाता है, इसलिए अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय कर के ट्रायल कोर्ट ने कोई गलती नहीं की है।

रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की सिंगल बेंच ने गायत्री प्रजापति की याचिका को ठुकराते हुए पारित किया है। याचिका में सपा नेता गायत्री प्रसाद ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट (PMLA) की स्पेशल कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने व आरोपों से बरी करने सम्बंधी प्रार्थना पत्र को विशेष अदालत द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती दी थी। याचिका का केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील ने विरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पारित किए गए अपने फैसले में कहा है कि विवेचना से पता चलता है कि अभियुक्त की मंत्री पद पर रहते हुए ज्ञात स्रोतों से कुल आमदनी 72 लाख 38 हजार रुपये हुई, जबकि अभियुक्त, उसके परिवार के सदस्यों, बेनामी संपत्तियों और कंपनियों की कुल सम्पत्ति 35 करोड़ रुपये की है, अभियुक्त इस 35 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के स्रोत के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।

अदालत ने यह भी पाया कि ED द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद में आरोपी (गायत्री प्रसाद) से जुड़े कुल 57 बैंक खातों का पता चला जिनमें से 7 अभियुक्त की पत्नी, 6-6 उसके दो बेटों अनिल कुमार प्रजापति व अनुराग प्रजापति, 5 बेटी सुधा प्रजापति व 14 उसके खुद के नाम पर हैं, इनके अलावा अन्य बैंक अकाउंट अन्य लोगों व कंपनियों के नाम से हैं। इतना ही नहीं अदालत ने यह भी पाया कि अभियुक्त से सम्बंधित कुल 60 अचल संपत्तियों का भी पता लगाया गया, जिनकी कुल कीमत 33 करोड़ 44 लाख रुपये से ज्यादा है और उनमें से 4 अनुराग प्रजापति, 9 अनिल कुमार प्रजापति, 2 अभियुक्त की पत्नी, 2 बेटी सुद्धा प्रजापति तथा एक-एक दूसरी बेटी अंकिता व बहू शिल्पा के नाम पर पंजीकृत हैं। बाकी की सम्पत्तियां अन्य लोगों व ऐसी कंपनियों के नाम हैं जिनमें अनिल कुमार प्रजापति निदेशक है। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त ने बेनामी सम्पत्तियां भी अर्जित की हैं। 

वहीं, अभियोजन की तरफ से याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि सतर्कता अधिष्ठान ने प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज करवाकर जांच की। इसकी जांच में खुलासा हुआ कि तत्कालीन खनन मंत्री रहते लोकसेवक के रुप में गायत्री प्रसाद प्रजापति ने आय के ज्ञात स्रोतों से 49.93 लाख रुपए अर्जित किए। मगर, इसी अवधि में उन्होंने 3.48 करोड़ की संपत्ति व रखरखाव पर खर्च किया। इस प्रकार उन्होंने 2.98 करोड़ अपनी आय से ज्यादा खर्च किए। इसका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जांच में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने के भी सबूत  मिले हैं। बता दें कि, 14 जनवरी 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने भी प्रजापति के खिलाफ अवैध आमदनी अर्जित करने का मामला दर्ज कराया था।

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