श्रीनगर: भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए बजट में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष के लिए 42,277.74 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। केंद्र सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि केंद्र शासित प्रदेश का विकास तेजी से हो रहा है और बढ़े हुए बजट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस प्रगति में कोई बाधा न आए। संसद में सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद से पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पर्यटन ने क्षेत्र की आय में सालाना 15 प्रतिशत की वृद्धि की है। 2023 में, 2.11 करोड़ से अधिक पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए और जून 2024 के अंत तक यह संख्या 1.08 करोड़ को पार कर चुकी थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसदीय प्रश्न के लिखित उत्तर में विस्तृत आंकड़े उपलब्ध कराए। उन्होंने अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में स्थिति में तेजी से सुधार का उल्लेख किया। आंकड़ों से पता चला है कि कोविड-19 के प्रभाव के बावजूद, 2020 में 34.7 लाख पर्यटकों ने इस क्षेत्र का दौरा किया। यह संख्या 2021 में बढ़कर 1.13 करोड़ और 2022 में 1.88 करोड़ हो गई। 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 2.11 करोड़ पर्यटक आए और जून 2024 तक यह आंकड़ा 1.08 करोड़ तक पहुंच गया।
मंत्री ने सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पर्यटन नीति 2020 और जम्मू-कश्मीर औद्योगिक नीति-2021 की शुरूआत का भी उल्लेख किया, जिसमें पर्यटन को एक उद्योग के रूप में मान्यता दी गई है। इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर फिल्म नीति 2021 को लागू किया गया, जिसमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 75 ऑफ-बीट गंतव्यों को बढ़ावा दिया गया। जम्मू-कश्मीर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक के बाद से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 2019-20 में 7.84 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 8.47 प्रतिशत हो गया। पिछले तीन वर्षों में, राज्य की आय में सालाना लगभग 15.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे
इसके समग्र विकास में मदद मिली है।
आतंकवाद पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री ?
जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधि पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। वे कांग्रेस के लोकसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के एक पूरक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे । इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनावी नतीजों के बाद से में देखी जा रही आतंकी गतिविधियां भी जल्द ही खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा, "आतंकी अपने मनसूबों में कामयाब नहीं होंगे।" केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बीते कुछ दिनों में जम्मू और कश्मीर में 28 आतंकी ढेर हुए हैं. कुछ सुरक्षा बलों का भी क्षति पहुंची है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में तक़रीबन 900 आतंकवादियों को जहन्नुम भेजा है।
केंद्रीय मंत्री ने तुलनात्मक आंकड़े देते हुए कहा कि 2004-2014 के बीच जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की 7,217 घटनाएं हुई थीं। वहीं, जब 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई, तब से इस साल 21 जुलाई को यह संख्या घटकर 2,259 रह गई है। हम आगे भी इसे पूरी तरह ख़त्म करने पर काम कर रहे हैं।
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