नई दिल्ली: दैनिक भास्कर समूह पर छापेमारी की कार्रवाई के दो दिनों के बाद आयकर विभाग ने मीडिया ग्रुप द्वारा विगत 6 वर्षों में 700 करोड़ की टैक्स चोरी करने का खुलासा किया है। आयकर विभाग के मुताबिक, दैनिक भास्कर ग्रुप ने स्टॉक मार्केट के नियमों का उल्लंघन करते हुए कई सारी फर्जी कंपनियां बना ली थी, इन कंपनियों के बीच 2200 करोड़ रुपये का ट्रांसक्शन भी हुआ है। बता दें की भास्कर समूह की 100 के लगभग कंपनियां हैं, जिसमे से केवल एक में पत्रकारिता होती है, बाकी सब में विभिन्न तरह के कारोबार होते हैं।
आयकर विभाग ने दैनिक भास्कर का नाम नहीं लिया है, किन्तु CBDT के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि ग्रुप की दिलचस्पी मीडिया के साथ ही रियल एस्टेटस, टेक्सटाइल और पावर सेक्टर में रही है। CBDT के मुताबिक, छापेमारी के दौरान मिली भारी मात्रा की सामग्री की तफ्तीश की जा रही है। बता दें कि 22 जुलाई को टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग ने दैनिक भास्कर के कई शहरों में स्थित कार्यालयों में एक साथ छापा मारा था। विभाग ने मुंबई, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, नोएडा और अहमदाबाद समेत नौ शहरों में फैले 20 रेजिडेंशियल और 9 कमर्शियल कैंपस शामिल हैं। वहीं मीडिया समूह ने इस छापेमारी को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए हुए कहा है कि कोरोना मिसमैनेजमेंट को लेकर की गई पत्रकारिता से तंग आकर यह कदम उठाया है।
दिव्य भास्कर, गुजरात के संपादक देवेंद्र भटनागर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले उन्होंने अलग-अलग तरीकों से दवाब डालने ला प्रयास किया, विगत ढाई महीनों में केंद्र और राज्य सरकार ने अखबार को विज्ञापन देना बंद कर दिया था। बकौल संपादक, विज्ञापन देना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है, वह इसे रोक सकते हैं। इसके बाद भी, जब सरकार ने कुछ अच्छा किया तो हम उसको छापते रहे, जब कुछ गलत किया तो हमने उसे भी छापा। भटनागर के मुताबिक, यह छापे, भास्कर द्वारा लगातार की जा रही रिपोर्टिंग और सरकार की विफलता उजागर करने का इनाम है।
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