नई दिल्ली। सहारा समूह के विरूद्ध तेजी से कार्य करने को लेकर इनकम टैक्स सेटेलमेेंट कमीशन ने कहा कि इस केस में जितनी तेजी से कार्रवाई हुई उतनी तेजी से अभी तक कार्य नहीं हुआ था। लेकिन इस कमीशन ने इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई पर टिप्पणी भी की। जिसमें उन्होंने कहा कि उक्त विभाग ने सहारा इंडिया के प्रकरण की छानबीन नहीं की। गौरतलब है कि 10 नवंबर 2016 को सहारा इंडिया के पक्ष में निर्णय दिया गया था।
हालांकि सेटलमेंट कमीशन द्वारा किसी भी मामले में निर्णय देने के लिए करीब 18 माह का समय लिया जाता है लेकिन इस केस में करीब वर्ष भर में ही निर्णय आ गया। जिसे लेकर सवाल किए गए। दूसरी ओर उक्त विभाग को आवश्यक छानबीन हेतु 90 दिन का समय मिला है। आयकर विभाग सेटेलमेंट कमीशन ने जो टिप्पणी की है वह एक लोकप्रिय समाचार पत्र द्वारा दायर किए गए सूचना के अधिकार स्टेटमेंट को लेकर की गई।
गौरतलब है कि लोकप्रिय समाचार पत्र द्वारा अपने प्रकाशन में दावा किया गया था कि कमीशन में केवल 3 सुनवाई हेतु सहारा डायरी प्रकरण में निर्णय दिया गया था। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने डायरी प्रकरण में सहारा डायरी को एक प्रमाण के तौर पर मानने से नकार दिया।
इतना ही नहीं न्यायाधीशों का कहना था कि इस मामले में किसी तरह की पीआईएल दायर नहीं हो सकती है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में सहारा इंडिया द्वारा इन्क्वायरी की गई थी इस दौरान आईटी डिपार्टमेंट ने एक डायरी जब्त की थी। मगर इस डायरी को सबूत के तौर पर नकार दिया गया था।
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