नई दिल्ली: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आयकर विभाग ने "अलोकतांत्रिक तरीके से" विभिन्न बैंकों में उसके खातों से 65 करोड़ रुपये की राशि "निकाल" लिए हैं। पार्टी का कहना है कि यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है और आयकर विभाग ने सुनवाई का इंतजार किए बिना ही यह कार्रवाई की है।
कांग्रेस ने इस 65 करोड़ रुपये की वसूली के खिलाफ आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) में अपील की है। पार्टी का कहना है कि आयकर विभाग ने पीठ के समक्ष निर्धारित सुनवाई के नतीजे की प्रतीक्षा किए बिना ही कार्रवाई की है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने इस कार्रवाई को "भाजपा सरकार का एक चिंताजनक कदम" बताया है। उन्होंने कहा, "क्या राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए आयकर देना आम बात है? क्या भाजपा आयकर देती है? उत्तर है नहीं। फिर कांग्रेस पार्टी को 210 करोड़ रुपए की अभूतपूर्व मांग का सामना क्यों करना पड़ रहा है...यह स्थिति लोकतंत्र की स्थिति पर प्रश्च चिह्न खड़े करती है क्या यह खतरे में है? हमारी उम्मीद अब न्यायपालिका पर है."
बता दें कि, यह मामला 2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है। आयकर विभाग ने कांग्रेस से पैनल्टी के तौर पर 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है। कांग्रेस ने 40-45 दिन लेट रिटर्न सब्मिट किया था। 2018-19 चुनावी वर्ष में कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। उसमें से 14 लाख 40 हजार रुपए कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा जमा करवाया था। ये पैसा कैश में जमा किया गया था। कैश में पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगा दी है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है।
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