आंखे शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होती है, अगर आंखों का ठीक तरह से देखभाल न की जाए तो कई समस्याओं का शिकार हो सकती है. इस कारण आंखों की रोशनी तक कम हो जाती है. आज के समय में ये आलम है कि छोटी उम्र में ही चश्मा लग जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, पित्त दोष हमारी आंखों को नियंत्रित करता है.
आंखों में विशेष रूप से आलोचक पित्त आंखों में रहता है. आलोचक पित्त छवियों और रंग को अवशोषित करता है. आसपास के दृश्यों की छाप लेने में मदद करता है. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए, सुबह दांत साफ करके मुंह में पानी भर कर मुंह फुला ले.
इसके बाद आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारे. रोज तीन बार सुबह, दोपहर तथा शाम को ठंडे पानी से मुंह भरकर और फुलाकर ठंडे पानी से आंखो पर हल्के छींटे मारने से नजर तेज होती है. मुंह से पाने निकालते समय भी पूरे जोर से मुंह फुलाते हुए गति से पानी छोड़ने से अधिक लाभ होता है, इससे आंखों के आस पास झुर्रिया नहीं होती.
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