कोविड महामारी ने पूरे देश के कई शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है। लेकिन स्थिति ऐसी है कि लगभग हर 5वे घर में रहने वालों की तबीयत बिगड़ी हुई है। हल्का बुखार, सर्दी, खांसी आते ही उसके स्वजन सतर्क हो जाते हैं और वह यहां-वहां उपचार के लिए भटक रहे है। हालात ऐसे हैं कि लॉक डाउन के उपरांत भी सड़कों में वाहनों की आवाजाही अधिक नज़र आ रही है।
चेकिंग में रोकने पर पुलिस से ही मांग रहे मदद : चेकिंग के बीच पुलिस जब वाहन चालक को रोकती है, तो चालक कहता है कि उसके स्वजन की तबीयत ठीक नहीं है। बीमार स्वजन का उपचार कहां कराया जाए, जिसके लिए वह डॉक्टर से संपर्क करने जा रहे हैं। लेकिन कई हॉस्पिटल घूमने के उपरांत भी उन्हें स्थान नहीं मिल रहा है। वाहन चेकिंग के समय लोग पुलिस से भी अपने बीमार स्वजन का इलाज के लिए सहायता मांगने लगते हैं कि पुलिस उनका उपचार में सहायता करें। पुलिस भी इस बात को सुनकर चुप हो जा रही है। लेकिन जितनी सहायता हो सकती है पुलिस हॉस्पिटल में उनसे सहायता मांगने वाले पीड़ित के स्वजन की कर रही है।
समाजसेवियों ने की आक्सीजन के लिए मदद : शहर में कुछ समाजसेवी हैं, जिन्होंने आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराने की सेवा शुरू की है। इसके लिए इंटरनेट मीडिया में निरंतर प्रचार प्रसार करने में लगे हुए है। ताकि अधिक से अधिक लोगों तक यह मैसेज पहुंचे और लोग जिसका उपयोग स्वस्थ रहने के लिए कर सकें।
घरों में भी शुरू की इलाज की व्यवस्था : कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं, जिन्होंने नर्सिंग की सुविधा के साथ पीड़ितों को उचित दाम पर घरों में ही उपचार देना शुरू कर दिया है। ताकि हॉस्पिटल्स में बढ़ने वाले लोगों का आंकड़ा में कुछ कमी आ सके और लोगों को परेशानी से बचे।
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