नई दिल्ली. पाकिस्तानी सांसदों ने उस विधेयक को खारिज कर दिया जिसमें लड़कियों की शादी करने की उम्र 16 से बढ़ा कर 18 किए जाने का प्रस्ताव था। संसद की ओर से कहा गया है कि यह संशोधन गैर इस्लामिक है.
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि जब इस्लाम लड़कियों को 18 साल से पहले शादी की इजाज़त देता है तो उस पर रोक क्यों लगाया जा रहा है. इसलिए यह विधेयक इस्लाम के खिलाफ है.
पाक मीडिया के मुताबिक, उम्र सीमा बढ़ाने से जुड़े इस विधेयक का न सिर्फ मुस्लिम सांसदों ने विरोध किया बल्कि हिंदू और ईसाई सांसदों ने भी इसका विरोध किया. यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में 21% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है.
फरवरी 2017 में अल्पसंख्यक हिंदुओं की शादी को नियमित करने के लिए पाकिस्तान की संसद ने हिंदू विवाह विधेयक पारित किया था. निचले सदन या नेशनल असेंबली द्वारा 26 सितंबर 2015 को ही इसपर मंजूरी दे दी गयी थी और अब इसे केवल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत थी.
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