नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम में अपना सबकुछ न्योछावर करने वाले जवानों को याद किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस तथा भगत सिंह के साथ ही महर्षि अरविंदो को भी याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज महर्षि अरविंदो की जयंती भी है। महर्षि अरविंदो भारत के उज्ज्वल भविष्य के स्वप्नद्रष्टा थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अरविंदो बोलते थे हमें उतना सामर्थ्यवान बनना होगा जितना हम पहले कभी नहीं थे। हमें अपनी आदतें परिवर्तित करनी होंगी। उन्होंने कहा कि अरविंदो बोलते थे हमें एक नए हृदय के साथ अपने को फिर से जागृत करना होगा। पीएम ने कहा कि अरविंदो की ये बातें हमें अपने कर्तव्यों का ध्यान दिलाती हैं। एक नागरिक के रूप में हम समाज को क्या दे रहे हैं, ये भी हमें सोचना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कविता 'यही वक़्त है, सही वक़्त है' की पंक्तियों के साथ आने स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह से शताब्दी वर्ष तक का खाका भी खींच दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अभी से ही अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जुड़ जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए बिल्कुल भी वक़्त नहीं है। हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करना है। उन्होंने कहा कि हमारे भारत को भी परिवर्तित करना होगा तथा हमें एक नागरिक के नाते अपने आपको भी परिवर्तित करना होगा। प्रधानमंत्री ने साथ ही 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के साथ 'सबका प्रयास' भी जोड़ दिया तथा नया मंत्र भी दे दिया।
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लाल किले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- 'कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको, कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको'