क्या 60 साल में कभी बजे थे ऐसे रात के आठ.....

क्या 60 साल में कभी बजे थे ऐसे रात के आठ.....
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60 साल ??? जी हा हम भी साठ साल की ही बात कर रहे है. क्योकि अक्सर कई दिनों से देखा जा रहा है, यह साठ साल का नाम बार बार आ रहा है. यहाँ हम किसी पार्टी विशेष की बात नही कर रहे है किन्तु देखा जाये तो भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस पार्टी या फिर आदर्शवादी आम आदमी पार्टी साठ साल का जिक्र हर कोई करता है. बात अगर भारतीय जनता पार्टी की करे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम बड़े नेताओ को यह कहते हुए सुन ही लिया जाता है कि साठ साल वाले हमसे हिसाब मांगने लगे है. या फिर हम उनके द्वरा किये गए साठ के गड्ढो को भर रहे है आदि आदि. इसी कड़ी में कांग्रेस द्वरा भी यह सवाल उठाया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी ने साठ साल की अर्थव्यवस्था को साठ दिन में बिगाड़ दिया है. वही अगर बात आम आदमी पार्टी की हो तो उनका बस यही कहना है कि भाजपा अपने 60 दिन को लेकर ढिंढोरा पिटती फिर रही है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह लड़ाई राजनीती पार्टियों की नही है, बल्कि अंको की लड़ाई है. 

इस बात को कभी 1 से 100 के बिच में आने वाले 60 ने भी नही सोचा होगा कि एक दिन में इतना मशहूर हो जाऊंगा. हर और बस मेरा ही नाम होगा 60....60.....60......किन्तु समय के साथ इस साठ में भी बदलाव हुआ है. जहा देश में 60 अंक का बोलबाला था. वही पिछले दिनों एक ऐसी संख्या भी सामने आयी, जिसने बहुत सारे लोगो की रातो की नींद छिन ली. तो बहुत सारे ऐसे भी थे जो इस 8 से सुकून की नींद सोये. जी हाँ यह 8 कोई और नही 8 नवम्बर का वही रात्रि का समय 8 बजे था, जब पुरे देश में नोटबंदी को लागु कर दिया था. जिसने देश की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल दी. इस 8 की गिनती ने हर जगह पर गिनती करवा दी. चाहे वह गिनती कालेधन की हो या फिर काले मन की. 

इस 8 ने उन सब लोगो के ठाठ छिन लिए जो कभी सीधे मुह बात नही करते थे. अंको की इस गिनती में हम यही कह सकते है कि संख्या चाहे 60 हो या 8 यह इंसान की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल सकती है. संख्या का खेल आज से नही चल रहा है. अगर इतिहास उठाकर देखा जाये तो वज पर भी आपको वर्ष दिन और तारीख के रूप में संख्या दिखाई देगी, जो इतिहास बन चुकी है. वही 8 नवम्बर भी एक ऐसा ही दिन है, जो इतिहास में दोहराया जायेगा. जहा संख्या देश का वर्तमान और भविष्य निर्धारित करती है तो वंहा पर यह पंक्तिया कहना उपयुक्त होगा.

कांग्रेस के राज में, बरस हुए चाहे साठ .
ऐसे पहले ना बजे, कभी रात के आठ .
कालाधन जब्त हुआ, जब्त हुए सब ठाठ.
नोटबंदी ने देश का, बदल दिया इतिहास.

                                                                                                             कवि- बलराम सिंह राजपूत 

 

जी हां। सब कुछ बिकता है यहाँ

UP election : कबीरा कुर्सी एक है........

 

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