वाशिंगटन: भारत और अमेरिका अहम् सैन्य प्रौद्योगिकी और गंभीर जानकारी का आदान-प्रदान करने की योजना पर कार्य कर रहे हैं. ये कार्य अमेरिकी रक्षा कंपनियों और भारतीय निजी क्षेत्र के बीच ज्वाइंट वेंचर के तहत किया जाएगा. इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को दी है. वर्तमान में, अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारतीय निजी क्षेत्र के साथ वर्गीकृत रक्षा जानकारी शेयर करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है.
हालांकि दोनों देश अहम् सैन्य प्लेटफार्मों के संयुक्त विकास के पक्ष में कार्य कर रहे हैं. अधिकारियों ने कहा है कि सरकार का ढांचा दायित्व, बौद्धिक संपदा अधिकारों और औद्योगिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर स्पष्टता लाने का काम करेगा. अमेरिकी रक्षा उद्योग सैन्य हार्डवेयर और प्लेटफार्मों के उत्पादन के लिए प्राइवेट क्षेत्रों में भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ सहयोग के लिए इस किस्म के ढांचे पर बल दे रहा था.
बोइंग और लॉकहीड मार्टिन समेत अमेरिकी रक्षा दिग्गज कंपनियां भारत में अरबों डॉलर के अनुबंधों पर निगाह गड़ाए हुए है. ये कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त कार्य करते हुए भारत में अपने कुछ मुख्य सैन्य प्लेटफार्मों के निर्माण का प्रस्ताव दे चुके हैं. गत माह, लॉकहीड मार्टिन ने भारत में एफ -21 का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया था. अमेरिका की इस कंपनी ने ये भी कहा था कि अगर भारत 114 विमानों के ऑर्डर को आगे बढ़ाता है, तो अमेरिका किसी और देश को ये विमान नहीं बेचेगा.
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