कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारत-यूरोपीय यूनियन सम्मेलन (India-EU Summit) को टाल दिया गया है।इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने बताया कि इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को भाग लेना था। इसके साथ ही भारत और यूरोपीय यूनियन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के चलते जो मौजूदा हालात हैं उसमें यह यात्रा नहीं होनी चाहिए। ऐसे में इन्हीं वजहों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि भारत-यूरोपीय यूनियन शिखर सम्मेलन को टाल दिया जाए। अब इसका आयोजन सुविधाजनक तारीख पर किया जाएगा।
रवीश कुमार ने यह भी बताया कि उक्त फैसला यूरोपीय यूनियन और भारत के बीच घनिष्ठ सहयोग की भावना के तहत लिया गया है जो वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति समान चिंताएं और प्रतिबद्धताएं रखते हैं। इसके साथ ही भारत और यूरोपीय यूनियन दोनों को ही उम्मीद है कि कोरोना वायरस का प्रकोप जल्द ही खत्म हो जाए। इसके साथ ही आधिकारिक बयान में यह भी बताया गया कि तमाम मुश्किलों के बावजूद पीएम मोदी बांग्लादेश में आयोजित होने वाले बंगबंधु (शेख मुजीबुर रहमान) के शताब्दी समारोह में मौजूद होने के लिए जाएंगे।
रवीश कुमार ने बताया कि बीते दिनों जब पीएम मोदी बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से मिले थे तो उन्होंने विशेष रूप से भारत के प्रधानमंत्री को इस समारोह में मौजूद होने के लिए आमंत्रित किया था।इसके साथ ही पीएम ने वह निमंत्रण स्वीकार कर लिया था और वह समारोह में भाग लेने के लिए बांग्लादेश जा सकते है। इसके साथ ही दिल्ली हिंसा पर तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन की टिप्पणियों पर भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया।वहीं रवीश कुमार ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां तथ्यात्मक रूप से गलत और राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित हैं। वहीं हम तुर्की के प्रमुख से ऐसे बयानों की उम्मीद नहीं करते हैं। इसके साथ ही हमने इन टिप्पणियों को लेकर तीन मार्च को दिल्ली में तुर्की के राजदूत से गंभीर आपत्ति जताई है।
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