भारत और रूस ने रेलवे, अंतरिक्ष, परमाणु सहित 8 समझौतों पर किए हस्ताक्षर

भारत और रूस ने रेलवे, अंतरिक्ष, परमाणु सहित 8 समझौतों पर किए हस्ताक्षर
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नई दिल्ली: पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आज दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमे कई अहम् मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ दोनों देशों ने 8 महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए. नई दिल्ली में 19वीं भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चर्चा के बाद समझौतों के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए.

इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर



पांच रूसी एस -400 ट्रायमफ मिसाइल शील्ड सिस्टम के लिए सौदा भारत द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है, अंतरिक्ष सहयोग के लिए सौदे ने रूस और भारत के बीच भी हस्ताक्षर किए. सूत्रों ने बताया कि साइबेरिया में रूसी शहर नोवोसिबिर्स्क के पास एक भारतीय निगरानी स्टेशन बनाया जाएगा. दोनों देश भारत में एक नई साइट पर रूसी डिजाइन की छह परमाणु ऊर्जा इकाइयों की परियोजना को लागू करने की योजना बना रहे हैं, साथ ही परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के अलावा परमाणु प्रौद्योगिकी के नए वादा क्षेत्रों में तीसरे देशों में और सहयोग को लागू करने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा रूस नई परमाणु परियोजना के लिए पीढ़ी "3" के संदर्भ विकासवादी वीवर -1200 तकनीकी समाधान प्रदान करेगा और भारतीय उद्योग की भागीदारी और स्थानीयकरण के स्तर को बढ़ाएगा. भारत में मेक इन इंडिया के लिए यह समझौता एक बड़ा बढ़ावा होने की उम्मीद है क्योंकि इससे भारत में परमाणु ईंधन असेंबली का निर्माण होगा और एनपीपी के लिए उपयोग किए जाने वाले अधिकांश उपकरणों और सामग्री को स्थानीय रूप से बनाया जाएगा. 

पीएम मोदी ने रूस को बताया अनूठा मित्र 


बैठक के बाद पीएम मोदी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत- रूस मैत्री अपने आप में अनूठी है, इस विशिष्ट रिश्ते के लिए राष्ट्रपति पुतिन की प्रतिबद्धता से इन संबंधों को और भी ऊर्जा मिलेगी और हमारे बीच प्रगाढ़ मैत्री और सुदृढ़ होगी और हमारी विशेष और विशेषाधिकृत सामरिक साझेदारी को नई बुलंदियां प्राप्त होंगी. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, अफगानिस्तान तथा इंडो पैसिफिक के घटनाक्रम, जलवायु परिवर्तन, SCO, BRICS जैसे संगठनों एवं G20 तथा ASEAN जैसे संगठनों में सहयोग करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं. हम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अपने लाभप्रद सहयोग को जारी रखने पर सहमत हुए हैं. पीएम मोदी ने बताया कि मानव संसाधन विकास से लेकर प्राकृतिक संसाधन तक, व्यापार से लेकर निवेश तक, नाभिकीय ऊर्जा के शान्तिपूर्ण सहयोग से लेकर सौर ऊर्जा तक, तकनीक से लेकर बाघ संरक्षण तक, सागर से लेकर अंन्तरिक्ष तक, भारत और रूस के सम्बन्धों का और भी विशाल विस्तार होगा.

राष्ट्रपति पुतिन ने अगले व्लादिवोस्तोक फोरम के लिए पीएम को किया आमंत्रित 


वहीं बैठक की समाप्ति के बाद दिल्ली में संयुक्त बयान देते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने भी भारत-रूस मैत्री के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद् देते हुए कहा कि एक बार फिर प्रधान मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में अगले व्लादिवोस्तोक फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने में मुझे ख़ुशी महसूस हो रही है, मैंने सीरिया की स्थिति के बारे में प्रधान मंत्री को सूचित किया है, हमने ईरान सौदे से वापस लेने के लिए अमेरिका की कार्रवाई के परिणामस्वरूप हुई स्थिति पर भी चर्चा की है.

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