न्यूयोर्क. पिछले कुछ सालों में दुनिया के कई देशो में हिंसा और आतंकवाद बहुत तेजी से भड़का है और इससे लाखों लोगों की जान भी गई है. आतंवाद आज दुनिया भर के लिए एक बड़ी समस्या बन कर उभरा है लेकिन दुनिया के लिए रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल अब आतंकवाद से भी गंभीर समस्या बनता जा रहा है.
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पिछले कुछ सालों में दुनिया के कई देशों के बीच के रिश्तों में बहुत कड़वाहट आई है और कुछ देशों के बीच तो युद्ध जैसे हालत भी बनने लगे है. युद्ध के इस संभावित खतरे को देखते हुए ईराक और रूस जैसे कई देशों ने भारी मात्रा में रासायनिक हथियारों को बनाना शुरू कर दिया है और सीरिया और ईरान जैसे देशों में तो सरकार इन्हे इस्तेमाल भी कर रही है. इन हथियारों से न सिर्फ जान माल का भारी नुकसान होता है बल्कि यह हथियार पर्यावरण को भी बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाते है.
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रासायनिक हथियारों के पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए दुनियाभर के कई पर्यावरण संगठन इनका विरोध कर चुके है और अब भारत ने भी इन हथियारों के खिलाफ आवाज उठाई है. दरअसल अमेरिका में हाल ही में रसायनिक हथियार रोकथाम संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित कराया गया था जिसमे भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत वेणु राजामोनी ने दुनिया भर में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि रचनात्मक संवाद और एकता इस समय की मांग है.
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