जेनेवा: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए पाकिस्तान के खराब रिकॉर्ड और कूटनीति के प्रति सम्मान की कमी को लेकर जोरदार हमला किया । संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, रुचिरा कम्बोज ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से रचनात्मक संवाद पर ध्यान केंद्रित करने और शांति की दिशा में सामूहिक प्रयासों को बाधित करने वाली टिप्पणियाँ करने के बजाय सम्मान के सिद्धांत का पालन करने का आग्रह किया।
कम्बोज की टिप्पणियाँ पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र दूत मुनीर अकरम के भारत की आलोचना करने वाले भाषण के बाद आईं, जिसमें कश्मीर, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और अयोध्या में राम मंदिर जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था। कम्बोज ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद शांति के मूल्यों का विरोध करता है और सदस्य राज्यों को एक शांतिपूर्ण संस्कृति को बढ़ावा देने और दुनिया को एकजुट परिवार के रूप में देखने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।
कम्बोज ने धर्म या विश्वास के आधार पर असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा से उत्पन्न चुनौतियों को संबोधित करने की आवश्यकता पर बात की और पवित्र स्थलों पर हमलों के खिलाफ त्वरित और संयुक्त वैश्विक कार्रवाई की वकालत की। उन्होंने महात्मा गांधी के शिक्षाओं और देश की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हवाला देते हुए भारत की शांति, विविधता और सह-अस्तित्व के प्रति प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।
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