नई दिल्ली: सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय संबंधों में 'हल्के में लेने' में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह एहसास हो रहा है कि भरोसा और विश्वसनीयता ही देशों के साथ अच्छे संबंधों की नींव रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी ऐसे वक़्त में आई है जब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की कूटनीति ने द्विपक्षीय संबंधों को कठिन मोड़ पर पहुंचा दिया है। इसी के चलते, कुछ पश्चिमी देशों से कनाडा के प्रति सहानुभूति के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।
कनाडा ने खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के क़त्ल में भारत के हाथ होने का आरोप लगाया है, जिसे भारत ने पूरी तरह से आधारहीन बताते हुए खंडन किया है। इसके पश्चात् से दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आ गई है। निज्जर कनाडा का नागरिक था। विशेष रूप से, कनाडा अपने दावों को सबूतों के साथ साबित करने में नाकाम रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत स्थिरता तथा स्थायित्व के साथ-साथ समाधान पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले दशक में भारत ने कई समाधानों पर काम किया है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक हैं। भारत का बढ़ता सामर्थ्य दुनिया की बेहतरी की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ेगा, दुनिया को उतना ही फायदा होगा। हमारी कोशिश होगी कि भारत की सेंचुरी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सेंचुरी बने।
पीएम ने कहा कि जब अधिकांश देश संकटों का सामना करने के पश्चात् भविष्य को लेकर चिंतित हैं, तब भारत एक उम्मीद के रूप में उभरा है। मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने डिजिटल नवाचार के जरिए दिखाया है कि लोकतांत्रिक मूल्य एक साथ रह सकते हैं। यह साबित करता है कि प्रौद्योगिकी समावेशन का एक साधन है, न कि नियंत्रण या विभाजन का। उन्होंने कहा, "कुछ ऐसे देश हैं जिन्हें लगता है कि आपकी चिंता मायने नहीं रखती। लेकिन अगर उनके साथ कुछ भी होता है, चाहे वह वैध हो, तो भी वे उछल-कूद मचाना शुरू कर देते हैं। जब हम उनसे कहते हैं कि कुछ लोग भारत के नेताओं और राजनयिकों को खुलेआम धमकी देते हैं, तो उनका जवाब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होता है।"
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया ने भारत के सफल चंद्रयान मिशन को 'एक त्योहार की तरह' मनाया है, क्योंकि भारत की तरक्की ईर्ष्या का कारण नहीं बनती; इसके परिणामस्वरूप पूरी दुनिया को लाभ होता है। भारत के उत्थान से दुनिया खुश होती है। इससे पहले, एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कनाडा पर तंज कसा। उन्होंने भारत-कनाडा के संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि कनाडा को भारतीय राजनयिकों के साथ एक समस्या है, क्योंकि वे जानने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत में क्या हो रहा है। जबकि, भारत में कनाडा के राजनयिकों को हमारी सेना या पुलिस के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि जब हम उनसे बोलते हैं कि कुछ लोग भारत के नेताओं एवं राजनयिकों को खुलेआम धमकी देते हैं, तो उनका जवाब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होता है।
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