नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। भारत ने कहा कि पड़ोसी मुल्क इस बात का 'जीता-जागता उदाहरण' है कि कैसे कोई देश, नरसंहार और जातीय सफाये जैसे गंभीर अपराधों पर अपनी जवाबदेही से बचता रहता है। भारत ने कहा कि वह बॉर्डर पार से आतंकी गतिविधियों का जवाब देने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाना जारी रखेगा।
यूनाइटेड नेशंस (UN) में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर/कानूनी सलाहकार डॉ. काजल भट ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद में कहा कि उन्हें पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा फैलाए गए कुछ झूठ और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का जवाब देना पड़ रहा है, क्योंकि वह (पाकिस्तान) इस प्रकार की हरकत करने के आदी हैं। भट ने कहा कि, 'आज हम चर्चा कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जवाबदेही और इंसाफ को कैसे सशक्त किया जाए।'
उन्होंने आगे कहा कि, '50 वर्ष पहले पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार के पाकिस्तान के शर्मनाक इतिहास के चलते बांग्लादेश अस्तित्व में आया, जिसे कभी स्वीकारा नहीं गया, न ही कभी माफी मांगी गई और न ही कोई जवाबदेही निर्धारित की गई।' भट ने कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद परिषद के प्रमुख अल्बानिया की अध्यक्षता में 'अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जवाबदेही और न्याय को मजबूत करने' पर जमकर बहस हुई।
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