नई दिल्ली, भारत: सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस साल के केंद्रीय बजट में कृषि हाईटेक विकसित करने का संकल्प लिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।
सरकार ने पारंपरिक कृषि से हटकर इसे नए तरीके से विकसित करने की योजनाएं बनाई हैं। यह सब आश्वस्त करता है कि बजट में ग्रामीण घरों से लेकर रसायन मुक्त कृषि, गंगा के साथ पांच किलोमीटर चौड़ा गलियारा और केन-बेतवा लिंक परियोजना के माध्यम से बुंदेलखंड में सिंचाई के लिए पानी, हर भारतीय की आवश्यकताओं को पूरा किया गया है।
किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाओं की आपूर्ति के लिए, एक नई सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना शुरू की जाएगी। फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण, और कीटनाशक और पोषक तत्वों का छिड़काव सभी "किसान ड्रोन" द्वारा किया जाएगा।
बजट में यह घोषणा की गई थी कि स्थानीय तिलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक रणनीति लागू की जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयातित तिलहनों पर हमारी निर्भरता को कम करने के लक्ष्य के साथ एक तार्किक और संपूर्ण योजना को लागू किया जाएगा," यह कृषि क्षेत्र के लिए एक संतुलित बजट है, जिसमें बुनियादी ढांचे के संवर्धन, प्रोत्साहन और तकनीकी प्रोत्साहन कृषि और किसानों में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
किसान और गांव आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे। वर्ष 2023 को सरकार ने बाजरा वर्ष के रूप में चुना है। इसका लक्ष्य बदलते जलवायु परिस्थितियों के चेहरे में मोटे अनाज पोषण और खेती के बारे में ज्ञान पैदा करना है।
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