विदेशों में रहने वाले भारतीय वहां रहते हुए भी अपने देश की खूब मदद कर रहे हैं। 2018 में उन्होंने रेमिटेंस के रूप में 78.6 अरब डॉलर (करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये) अपने देश भेजा गया है । यह इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन जो यूनाइटेड नेशन की संस्था है, की रिपोर्ट में दावा किया गया है। विदेशों में लगभग 1.75 करोड़ भारतीय रहते हैं। यदि औसत निकालें तो विदेशों में रहने वाला हर भारतीय करीब 3.15 लाख रुपये भेज रहा है।
वर्ल्ड रेमिटेंस में भारत की हिस्सेदारी 14 फीसदी
इस मामले में भारत हमेशा से अव्वल रहा है। वर्ल्ड रेमिटेंस में भारत की हिस्सेदारी 14 फीसदी के करीब है। 2018 में रेमिटेंस की कुल रकम 689 अरब डॉलर रही थी। इस मामले में चीन दूसरे नंबर पर रह। उसे रेमिटेंस के रूप में कुल 67.41 अरब डॉलर मिला। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के मध्य तक करीब 17.5 मिलियन (1.75 करोड़) भारतीय विदेशों में रहते हैं।
पहली तिमाही में FDI बढ़ा
2010 में रेमिटेंस के रूप में 53.48 अरब डॉलर मिला था
2010 से 2015 के बीच भारत रेमिटेंस पाने वाले देशों की लिस्ट में टॉप पर था। 2010 में यह राशि 53.48 अरब डॉलर थी जो 2015 में बढ़कर 68.91 अरब डॉलर पर पहुंच गई। पांच सालों में रेमिटेंस में करीब 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 2015-18 के बीच इसमें लगभग 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
2018 में कुल FDI 38 अरब डॉलर आया था
दूसरी तरफ फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की बात की जाए तो 2018 में भारत में कुल FDI 38 अरब डॉलर रहा था। बीते साल इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया था। चीन में 2018 में कुल 32 अरब डॉलर का FDI आया था।
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