नई दिल्ली : ताईवान से भारत पहुंचे संसदीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे को लेकर चीन ने अपना विरोध किया था, मगर अब चीन के विरोध को भारत ने महत्वहीन बताया है। भारत का कहना था कि इस समूह के दौरे को लेकर राजनीतिक तौर पर मंथन नहीं किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया कि ताइवान से पहुंचे समूह में अकादमिक विद्वान, कारोबारी, धार्मिक हस्तियां व सांसद आदि शामिल हैं।
भारत के विदेश मामलों के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस मामले में कहा कि चीन के आपत्ती लेने का सवाल ही नहीं है। इस तरह की आपत्ती अनाधिकारिक है। गौरतलब है कि चीन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि चीन को तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक चुनौती नहीं दे पा रहे हैं मगर इसके बाद भी भारत ताईवान को विभिन्न मामलों में उपयोग कर रहा है।
चीन ने सरकारी मीडिया तंत्र के माध्यम से कहा कि भारत दक्षिण चीन सागर, ताईवान और दलाई लामा के मामले में चीन के साथ अलग तरह से पेश आ रहा है और ताईवान को इन दो मामलों में नेगोशिएशन के लिए उपयोग कर रहा है। चीन का कहना था कि जो लोग ताईवान का उपयोग चीन के विरूद्ध करेंगे वे नुकसान उठाऐंगे।
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