बीते दिनों हुए पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के टकराव के बीच अमेरिका में भारतीय विदेश सचिव की अमेरिकी समकक्ष से साथ मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. होने वाली इस मुलाकात पर चीन की पैनी नजर है. इस मुलाकात में दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों की हिंसात्मक रवैया, दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता, दक्षिण एशियाई क्षेत्र में क्षेत्रीय अस्थिरता, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता, कोरोना महामारी से उपजे संकट के साथ H1-B बीजा पर भी चर्चा हुई. H1-B पर भारतीय विदेश मंत्रालय की चुप्पी पर यह वार्ता सुर्खियों में है. इस चर्चा पर चीन ने कड़ी नज़र बनाए रखी है.
वही भारत-चीन के बीच खतरनाक तनाव के दौरान भारतीय विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला और विदेश मामलों के लिए अमेरिकी अंडर सेक्रेटरी डेविड हेल के बीच तमाम ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई. कोरोना महामारी की वजह से दोनों देशों के बीच हुई विदेश सचिव की वार्ता वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुई. भारतीय विदेश विभाग ने कहा कि दोनों देशों ने समान लक्ष्यों पर एक साथ काम करने पर अपनी सहमति जताई है. भारत के समक्ष उपजी सामरिक चुनौतियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई.
इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि श्रृंगला और हेल ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की पूरी एक पूरी श्रृंखला पर भारत-अमेरिकी सहयोग पर चर्चा की. इस मौके पर भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक हिस्सेदारी को और सुदृढ़ करने के लिए कठोर कदम उठाने की बात कही गई. बता दें कि यह साझेदारी फरवरी में एक संयुक्त बयान में जारी की गई थी, जब ट्रंप ने भारत का दौरा किया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रमकता को देखते हुए यह हिस्सेदारी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. और इस महामारी के दौर में यह साझेदारी बेहद कामगार सिद्ध होगी.
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