नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान ही सरकार ने स्कूली शिक्षा में परिवर्तन का बड़ा फैसला लिया है. 15 वर्षों बाद स्कूली शिक्षा में ये परिवर्तन होने जा रहा है. अब नये सिलेबस के साथ एनसीईआरटी से पूरा पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए कहा गया है. बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (NCF) में 15 साल बाद संशोधन किया जा रहा है. इस नई रूपरेखा का ड्राफ्ट दिसंबर तक तैयार हो जाएगा. वहीं, नया पाठ्यक्रम अगले वर्ष मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि स्कूली शिक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का कार्य आरंभ हो चुका है. NCERT से उम्मीद है कि नए पाठ्यक्रम के अनुसार, किताबों में आवश्यक बदलाव करें. स्कूली शिक्षा के लिए इस प्रक्रिया का आगाज़ विषयों के विशेषज्ञ करेंगे. इस मामले में दिसंबर 2020 तक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी. नया पाठ्यक्रम मार्च 2021 तक तैयार होने की संभावना जताई जा रही है। एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों में अभी तक केवल पांच बार, 1975, 1988, 2000 और 2005 में संशोधन हुआ है.
मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को निर्देश दिया है कि पाठ्यपुस्तकों में परिवर्तन करते हुए यह ध्यान रखा जाए कि तथ्यों के अतिरिक्त उसमें और कुछ न हो. मंत्रालय ने कहा है कि पाठ्य पुस्तकों में किताबी ज्ञान बहुत अधिक है. उनमें अतिरिक्त चीजें जैसे रचनात्मक सोच, जीवन से संबंधित कौशल, भारतीय संस्कृति, कला और अन्य चीजों को शामिल किया जाए.
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