नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान के इतिहास में कारगिल युद्ध कभी न भुलाया जाने वाला वॉर है। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने चारों खाने चित्त कर दिया था। अब इतने सालों बाद भारतीय वायुसेना के दस्तावेजों से पता चलता है कि भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की तैयारी कर ली थी। हमले के लिए टारगेट भी तय कर लिए गए थे।
1999 में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस को पूरी तरह से ध्वस्त करने की योजना बना ली थी। यहां तक की फाइटर प्लेन के पायलट एलओसी से कुछ ही दूरी पर खड़े थे। यह फैसला तब लिया गया था जब तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह और पाकिस्तानी विदेश मंत्री सरताज अजीज के बीच दिल्ली में हुई वार्ता विफल हो गई थी।
वार्ता के बाद अजीज के सामने शर्त रखी गई थी कि पाकिस्तानी घुसपैठियों को पहाड़ी से हटाया जाए और नियंत्रण रेखा को दोबारा से तय करने की मांग को भी छोड़ा जाए। इसके साथ ही कैप्टन सौरव कालिया समेत छह भारतीय सैनिकों को बेरहमी से टॉर्चर करने के जिम्मेदारों को सजा मिले।
जिस वक्त उत्तरी कश्मीर में कैप्टन कालिय ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे, उन्हें पाकिस्तानी सेनाओं ने पकड़ लिया था और उनके शरीर को क्षत-विक्षत कर के भारत भेजा था। इन दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि 12 जून को जब अजीज पाकिस्तान वापस चले गए, तो वहां सभी पायलटों के साथ मीटिंग हुई और 13 जून की सुबह हमले के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया। एयरफोर्स के 17 स्कवॉड्रन की डायरी में ये बातें दर्ज है। इस स्क्वाड्रन को गोल्डन एरोज नाम से जाना जाता है और तब यह श्रीनगर स्थित एयरफोर्स बेस से अपना काम करती थी।