गुरुग्राम: देश में 16 दिसंबर का दिन बहुत मायने रखता है। जानकारी के अनुसार बता दें कि देश आज 47वां विजय दिवस मना रहा है। वहीं बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध हमने आज ही के दिन जीता था। इसके साथ ही बता दें कि महज 14 दिनों में जीत लिए गए इस युद्ध ने भूगोल और इतिहास को नए सिरे से गढ़ डाला है। वहीं बता दें कि 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को चित कर देने के बाद भारतीय योद्धाओं ने अबके उसकी टेढ़ी पूंछ को काफी हद तक सीधा कर दिखाया था।
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यहां बता दें कि उस युद्ध में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट भाग लेने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल गगन दीप बख्शी बताते हैं, कि हमने मात्र 14 दिन में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए ही मजबूर कर दिया था। इसके साथ ही बता दें कि उन्होने बताया कि 1965 के भारत-पाक युद्ध में मेरे बड़े भाई कैप्टन एसआर बख्शी शहीद हुए थे। भाई की शहादत के बाद मैंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एनडीए की परीक्षा पास की और सेना में बतौर कमीशन प्राप्त अधिकारी भर्ती हुआ।
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गौरतलब है कि 1971 के दिसंबर माह में बैच को पास आउट होना था, लेकिन देश पर खतरा देख बैच को नवंबर में ही पास आउट कर दिया गया। वे बताते हैं कि पासिंग आउट परेड के तुरंत बाद ही मुझे युद्ध के लिए भेज दिया गया। यह मेरे लिए विशेष अनुभूति वाला क्षण था। कई नदियां और नाले पार करके हमने सेना के साथ काफी दूर तक पैदल ही सफर तय किया।
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