जयपुर: राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित कुंभलगढ़ किला भारत के सर्वश्रेष्ठ किलों में शुमार है जिसे 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा द्वारा बनवाया गया था. इस किले की दीवार, चीन की दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है जो 36 किलोमीटर लम्बी है और 15 फीट चौड़ी है. बताया जाता है कि इस पर एक साथ पांच घोड़े दौड़ लगा सकते हैं. किले के अंदर 360 से अधिक मंदिर स्थित हैं जिनमें से 300 प्राचीन जैन मंदिर और बाकि हिन्दू मंदिर हैं. यह एक अभेद्य किला है जिसपर दुश्मन कभी फतह नहीं हासिल कर पाए.
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इसी किले के चारों ओर विशालकाय दीवार बनी हुई, राजस्थान के आमेर, जैसलमेर, रणथम्बौर, चित्तौड़गढ़ और कुंभलगढ़ किले को साल 2013 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में जगह दी गई थी. उल्लेखनीय है कि किले का निर्माण 1443 में शुरू हुआ था और पूरे 15 वर्षों बाद 1458 में बनकर पूरा हुआ था. इस किले में ऊंचे स्थानों पर महल, मंदिर व आवासीय इमारतें बनाई गई हैं और समतल भूमि का इस्तेमाल कृषि कार्य के लिए किया गया है. वहीं ढलान वाले भागों का उपयोग जलाशयों के लिए किया गया था.
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इस दुर्ग के भीतर एक और गढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से पहचाना जाता है, यह गढ़ सात विशाल द्वार व सुद्रढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है. इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर बना हुआ है. महाराणा उदय सिंह का पालन पोषण भी पन्ना धाय ने इसी दुर्ग में छिपा कर किया था.
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